Dhanteras 2025: दिवाली के पांच दिवसीय महापर्व की शुरुआत धनतेरस के पावन दिन से होती है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला यह त्योहार धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का प्रतीक है। इसे ‘धनत्रयोदशी’ और ‘धन्वंतरि जयंती’ के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि इसी दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे।
आइए जानते हैं साल 2025 में धनतेरस कब है और इस दिन आपको पूजा और खरीदारी कैसे करनी चाहिए ताकि आपके घर में माँ लक्ष्मी और भगवान कुबेर की कृपा सदा बनी रहे।
धनतेरस 2025: तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त ( Dhanteras 2025: Date & Auspicious Timings)
इस साल धनतेरस का त्योहार शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा।
- त्रयोदशी तिथि प्रारंभ: 17 अक्टूबर 2025 को सुबह 08:40 बजे से
- त्रयोदशी तिथि समाप्त: 18 अक्टूबर 2025 को सुबह 08:17 बजे तक
- धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त: शाम 06:35 बजे से रात 08:15 बजे तक (प्रदोष काल में पूजा उत्तम मानी जाती है)
- प्रदोष काल: शाम 05:45 बजे से रात 08:15 बजे तक
- वृषभ काल: शाम 06:35 बजे से रात 08:35 बजे तक
(कृपया ध्यान दें कि शहर के अनुसार मुहूर्त में कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है।)
धनतेरस की संपूर्ण पूजन विधि ( Complete Dhanteras Puja Method )
इस धनतेरस दिन शाम के समय भगवान धन्वंतरि, माँ लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है।
धनतेरस पूजा की आवश्यक सामग्री: ( dhanateras pooja kee aavashyak saamagree )
- भगवान धन्वंतरि, माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की तस्वीर या मूर्ति
- भगवान कुबेर की तस्वीर
- एक चौकी, लाल कपड़ा
- चांदी या सोने का सिक्का
- धनिया के बीज, खील-बताशे, मिठाई
- 13 मिट्टी के दीये, तेल, रुई की बत्ती
- रोली, अक्षत, हल्दी, कुमकुम, चंदन
- फूल, फूलों की माला, फल (विशेषकर सिंघाड़ा)
- पान, सुपारी, कलावा, गंगाजल
- एक झाड़ू
धनतेरस स्टेप-बाय-स्टेप पूजा विधि: ( Dhanateras step-baay-step pooja vidhi )
- पूजा स्थल की सफाई: शाम को पूजा से पहले स्नान करें और पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ कर लें।
- चौकी स्थापना: ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं।
- देवताओं की स्थापना: चौकी पर भगवान धन्वंतरि, माँ लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर देवता की तस्वीरें या मूर्तियां स्थापित करें।
- आह्वान और स्नान: हाथ में गंगाजल लेकर देवताओं का आह्वान करें और उन्हें पवित्र स्नान कराएं।
- वस्त्र और श्रृंगार: देवताओं को कलावा रूपी वस्त्र पहनाएं। रोली, चंदन, हल्दी और कुमकुम से तिलक करें। अक्षत अर्पित करें।
- पुष्प और भोग: देवताओं को फूल और माला चढ़ाएं। इसके बाद फल, मिठाई, खील-बताशे और विशेष रूप से धनिया के बीज का भोग लगाएं।
- दीप प्रज्ज्वलन: अब 13 दीये जलाएं। साथ ही धूप और अगरबत्ती भी जलाएं।
- मंत्र जाप: पूजा के दौरान “ॐ धन्वन्तरये नमः” मंत्र का जाप करें।
- आरती: अंत में कपूर जलाकर सभी देवताओं की आरती करें और परिवार के अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करें।
धनतेरस यमदीपदान का महत्व और विधि ( Dhanateras yamadeepadaan ka mahatv aur vidhi )
धनतेरस की शाम को यमराज के लिए घर के बाहर एक दीपक जलाया जाता है, जिसे ‘यमदीपदान’ कहते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार के सदस्यों की अकाल मृत्यु से रक्षा होती है।
- कैसे करें: एक पुराना चौमुखी (चार मुख वाला) दीया लें। इसमें सरसों का तेल और एक कौड़ी डालकर जलाएं। फिर घर के सभी सदस्यों के ऊपर से घुमाकर इसे घर के मुख्य द्वार के बाहर, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके रख दें।
धनतेरस पर क्या खरीदना होता है सबसे शुभ? ( Dhanateras par kya khareedana hota hai sabase shubh? )
- धातु (सोना, चांदी, पीतल): इस दिन धातु खरीदना सबसे शुभ माना जाता है। अपनी क्षमता के अनुसार सोने-चांदी के आभूषण, सिक्के या पीतल-तांबे के बर्तन खरीदें। माना जाता है कि यह घर में समृद्धि को स्थिर करता है।
- झाड़ू (Broom): झाड़ू को माँ लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। इस दिन नई झाड़ू खरीदने का अर्थ है घर से नकारात्मकता, दुख और दरिद्रता को बाहर निकालना।
- धनिया के बीज (Coriander Seeds): साबुत धनिया खरीदना समृद्धि का प्रतीक है। पूजा में इसे माँ लक्ष्मी को अर्पित करें और बाद में कुछ दाने अपने घर के बगीचे या गमले में बो दें। यह घर में धन-धान्य की बरकत लाता है।
- गोमती चक्र: 11 गोमती चक्र खरीदकर उन्हें पीले वस्त्र में बांधकर अपनी तिजोरी या धन रखने के स्थान पर रखना बहुत शुभ माना जाता है। यह माँ लक्ष्मी को आकर्षित करता है।
- इलेक्ट्रॉनिक सामान और वाहन: आज के समय में लोग अपनी जरूरत की चीजें जैसे फ्रिज, टीवी, मोबाइल या वाहन भी खरीदते हैं। यह भी शुभ माना जाता है।
धनतेरस पर भूलकर भी घर न लाएं ये 5 चीजें ( Dhanateras par bhoolakar bhee ghar na laen ye 5 cheejen )
- लोहा या स्टील के बर्तन: ज्योतिष में लोहे को शनिदेव का कारक माना गया है। Dhanateras के शुभ दिन पर लोहे से बनी चीजें घर लाने से बचना चाहिए। स्टील भी लोहे का ही एक रूप है, इसलिए पारंपरिक रूप से पीतल या तांबा खरीदना बेहतर है।
- धारदार वस्तुएं (Sharp Objects): इस दिन चाकू, कैंची, छुरी या कोई भी धारदार वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए। ऐसी चीजें घर में अशांति और दुर्भाग्य लाती हैं।
- कांच का सामान: कांच का संबंध राहु से माना जाता है, जो एक अशुभ ग्रह है। इसलिए धनतेरस के दिन कांच के बर्तन या शो-पीस खरीदने से बचें।
- काले रंग की वस्तुएं: धनतेरस एक बहुत ही शुभ दिन है। इस दिन काले रंग के कपड़े या कोई अन्य वस्तु घर लाना अशुभ माना जाता है क्योंकि काला रंग दुर्भाग्य का प्रतीक माना गया है।
- खाली बर्तन घर न लाएं: यदि आप कोई बर्तन या पात्र खरीद रहे हैं, तो उसे घर में खाली न लाएं। दुकान पर ही उसे पानी, चावल या किसी मीठी चीज से भरकर घर लाएं। खाली बर्तन घर लाना अशुभ संकेत माना जाता है।
इस धनतेरस पर सही विधि से पूजा और समझदारी से खरीदारी करके आप अपने घर में सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि का स्वागत करें। शुभ धनतेरस!



